Aniket & Khushi

 Healthy Smoking 

यह अनिकेत के जीवन में पहली बार था जब उसने स्मोक किया और उसने यह क्यों किया, इसका कारण वह किसी को भी बता नहीं पा रहा था। रात को घर वालों से छुपते- छुपाते वो छत पर गया और खुले आसमान की तरफ देखकर वह जितना रो सकता था उतना रोया, ना जाने कैसे उसको सिगरेट मिली और अपने दुःख को दबाने के लिए उसने कश लगा ली। अंदर ही अंदर एक तूफान उठा हुआ था जो उसे परेशान कर रहा था। वह इससे लड़ने की कोशिश तो कर रहा था, पर “अकेले” शायद वह अपनी कमजोरियों को किसी के भी साथ बांटने से डरता था। पर हां उसकी एक बहुत अच्छी दोस्त थी "खुशी" जिससे वह अक्सर बातें किया करता था, पर कुछ दिनों से वह उसे भी अनदेखा करने की कोशिश कर रहा था क्योंकि वह डरता था कि जब खुशी उससे हकीकत का सामना करने को कहेगी तो किस तरह अपने आंसुओं को उसके सामने छिपा पाएगा। पर शायद खुशी को यह अहसास हो गया था कि अनिकेत को उसकी जरूरत हैं, काफी पूछने के बाद अनिकेत उससे छुपा ना सका और अपने दिल की सुनकर ख़ुशी को सब बता दिया कि किस तरह उसने जिम्मेदारियों के बोझ तले अपने सपनों की आहुति दे दी और ऐसी जिंदगी जी रहा था जो वह जीना नहीं चाहता था। जीवन में ना कोई चाहत थी, ना कोई उम्मीद। पर हां उसके जीवन में खुशी जरूर आ गई थी जो एक दोस्त की तरह उसे समझाकर गले लगाकर जीवन के प्रति एक सकारात्मक सोच बनाने में सहायता कर रही थी जो उसे फिर से सपने देखने और उन्हें पूरा करने के लिए प्रेरित कर रही थी। खुशी की बातों को सुनकर अनिकेत को अहसास हुआ कि उसकी परिस्थितियां भले ही उसके पक्ष में नहीं हैं, पर वह उसके सपनों को पूरा करने में बाधक भी नहीं है। बस जरूरत है तो जिंदगी का हंसकर स्वागत करने की और एक योद्धा की तरह सभी परेशानियों और मुश्किलों से लडने की। तो अब जब उसकी जिंदगी में खुशी आ ही गई थी, उसने सिगरेट की ओर देखा और हंसकर कहा ‘यह पहली और आखिरी दफा था और धन्यवाद मेरे दोस्त मुझे खुशी से मिलवाने के लिए।